ब्राह्मणों का मूल मंत्र रहा है सर्वे भवन्तु सुखिनः” । ब्राह्मण की पूजा उसके कर्म त्याग और तपस्या के कारण होती है। आज आवश्यकता इस बात की है कि ब्राह्मण क्षेत्रवाद, वर्गवाद, सम्प्रदायवाद, जाति, उपजाति एवं भाषावाद से उपर उठकर बात करें। देश को अपनी परम्परा का ज्ञान करायें और राष्ट्र और मानवता की सेवा में आगे आये ।
shlok shukla
AIDS student
Thakur college and engeneering Kandavali (Mumbai)