नियमों का पालन कर महिलाएं भी कर सकती है हनुमानजी पूजा
कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए।
महिलाएं हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं, लेकिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए।
उन्हें हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए, सिर नहीं झुकाना चाहिए, सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए और बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।
वे हनुमान जी के मंत्रों का जाप, हनुमान चालीसा, हनुमानष्टक और सुंदरकांड का पाठ कर सकती हैं.
विशेष नियम:
मूर्ति स्पर्श नहीं:
हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है, इसलिए महिलाओं को उनकी मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए.
सिर नहीं झुकाना:
महिलाओं को हनुमान जी के सामने सिर नहीं झुकाना चाहिए, बल्कि दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए.
सिंदूर नहीं चढ़ाना:
महिलाओं को हनुमान जी को सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए.
बजरंग बाण पाठ नहीं:
महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए.
अन्य:
महिलाओं को हनुमान जी को चोला, वस्त्र और यज्ञोपवीत जैसी चीजें भी अर्पित नहीं करनी चाहिए.
धूप, दीप, फूल:
महिलाएं हनुमान जी के समक्ष धूप, दीप और पुष्प अर्पित कर सकती हैं.
हनुमान चालीसा आदि:
महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं
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प्रसाद:
महिलाएं हनुमान जी का भोग या प्रसाद अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं.
मंगलवार व्रत:
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं मंगलवार का व्रत भी कर सकती हैं, लेकिन व्रत के दौरान एक समय का भोजन और नमक का त्याग करना चाहिए.
मंत्र जाप:
महिलाएं हनुमान जी के मंत्रों का जाप भी कर सकती हैं.
महिलाएं भी कर सकती हैं हनुमानजी की पूजा, लेकिन इन बातों का रखना होगा ध्यान
हनुमान जी की पूजा करते समय महिलाओं को मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए. … महिलाओं को हनुमान जी के प्रति श्रद्धाभाव प्रकट करने के लिए सिर नहीं झुकाना चाहिए. आप केवल हाथ जोड़कर प्रणाम कर सकती हैं. महिलाओं को हनुमान जी को सिर नहीं झुकाना चाहिए।
महिलाएं किसी ब्राह्मण या पुरुष के द्वारा हनुमानजी को चोला चढ़ा सकती है।
यदि आरती के समय कोई ब्राह्मण या पुरुष उपस्थित न हो तो दूर से बिना स्पर्श के हनुमानजी के मुख की आरती कर सकती है।
