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सोमवती अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती

कब है सोमवती अमावस्या, शनिदेव जयंती

  1. सोमवती अमावस्या कब है 26 या 27 मई अमावस्या 2025 में 26 मई को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे शुरू होगी और 27 मई को सुबह 8:31 बजे समाप्त होगी। चूंकि 26 मई को सोमवार है, इसलिए यह सोमवती अमावस्या होगी। इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा।
  2.      इस दिन का धार्मिक महत्व क्या है?
  3.               ज्येष्ठ अमावस्या को पवित्र नदियों में स्नान, पितरों के लिए तर्पण और दान करने से पापों का नाश होता है और जीवन में शांति आती है. यह दिन खासतौर से पितृ दोष निवारण के लिए अति उत्तम माना जाता है.                               मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी दुखों और कष्टों से छुटकारा मिलता है. इस दिन शनि देव का जन्म भी माना जाता है, इसलिए शनि जयंती के रूप में भी इसे मनाया जाता है. शनि देव की पूजा करने से ग्रह दोष और शनि से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं.सोमवती अमावस्या 2025 में 26 मई, सोमवार को पड़ रही है। ये अमावस्या साल में आने वाली बाकी अमावस्या से खास होती है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव की विधि विधान पूजा करते हैं।

मान्यता है कि ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी विशेष विधान बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ, जप, तप, पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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