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बैंक के सीनियर मैनेजर ने काम के बढ़ते दबाव में की आत्महत्या

काम के बढ़ते दबाव को बताया जिम्मेदार

नोटिस पीरियड में BOB के ब्रांच मैनेजर ने बैंक में की आत्महत्या, सुसाइड नोट में ‘वर्क प्रेशर’ को बताया कारण

पुणे के बारामती में बैंक ऑफ बड़ोदा के ब्रांच मैनेजर ने आत्महत्या कर ली। उसका शव बैंक की शाखा में ही बरामद किया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती में एक बैंक के ब्रांच मैनेजर ने बैंक परिसर में ही आत्महत्या कर ली। वहीं मृतक के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में उसने वर्क प्रेशर को आत्महत्या की वजह बताया है। इसके अलावा उसने लिखा है कि सहकर्मियों पर कोई दबाव न डाला जाए और परिवार का भी इसमें कोई हाथ नहीं है। जानकारी के मुताबिक 11 जुलाई को ब्रांच मैनेजर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और वह नोटिस पीरियड पर था। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।

बैंक के अंदर ही किया सुसाइड
दरअसल, पुणे ग्रामीण में स्थित बारामती थाना क्षेत्र में बैंक ऑफ बड़ोदा के ब्रांच मैनेजर ने ऑफिस के अंदर ही आत्महत्या कर ली। घटनास्थल से बरामद एक सुसाइड नोट में काम से जुड़े तनाव को आत्महत्या का कारण बताया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि मृतक पहले से ही नोटिस पीरियड पर था। उसने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कार्यभार का हवाला देते हुए 11 जुलाई को बैंक के मुख्य प्रबंधक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह अपना नोटिस पीरियड पूरा कर रहा था।

सुसाइड नोट में वर्क प्रेशर को बताया वजह

बारामती सिटी पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर विलास नाले ने बताया, “बैंक ऑफ बड़ौदा की बारामती सिटी शाखा के मुख्य प्रबंधक शिवशंकर मित्रा ने रात 10 बजे से 12 बजे के बीच फांसी लगा ली। उनके घर न लौटने पर उनकी पत्नी ने हमें सूचना दी। जब उन्होंने बैंक से संपर्क किया, तो कर्मचारियों ने अंदर जांच की और उन्हें फंदे से लटका हुआ पाया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच शुरू हो गई है। उनकी पतलून की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वह काम के दबाव के कारण अपनी जान दे रहे हैं। हम उन सटीक परिस्थितियों की गहन जांच कर रहे हैं जिनके कारण उन्होंने यह कदम उठाया। 

काम का भारी दबाव था

पुलिस ने बताया कि शिवशंकर मित्रा पिछले कुछ हफ्तों से काफी तनाव में थे और उन्होंने अपनी मानसिक स्थिति के बारे में परिवार से चर्चा भी की थी। उन्होंने पांच-छह दिन पहले ही अपनी मर्जी से रिटायरमेंट के लिए आवेदन दिया था।

 

 

 

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